मटकी जो फोडे रे कान्हा चोरी चोरी माखन जो खाये रे। मटकी जो फोडे रे कान्हा चोरी चोरी माखन जो खाये रे।
नजरें घुमा के राधा जाये रही थी कान्हा मटकी फोड़ गयो नजरें घुमा के राधा जाये रही थी कान्हा मटकी फोड़ गयो
गोरी ओढे लाल चुनरया मन मे राखो धीर। गोरी ओढे लाल चुनरया मन मे राखो धीर।
अज्ञानी क्रोधी बेचैन लोभी शायद गुणों में कुछ कंस मामा से हैं। अज्ञानी क्रोधी बेचैन लोभी शायद गुणों में कुछ कंस मामा से हैं।
अब फिर से दिखला दो अपनी लीला खत्म करो यह भ्रष्टाचार, युगों युगों से कर रहे हमसब तुम्हारा इंतजार ... अब फिर से दिखला दो अपनी लीला खत्म करो यह भ्रष्टाचार, युगों युगों से कर रहे ह...